रायवाला
ग्राम खाण्ड रायवाला निवासी अक्षत त्रिवेदी ने गौरैया संरक्षण की मुहिम शुरू की है। वह पूरी शिद्दत से गौरैया के लिए लकड़ी के घर तैयार कर रहे हैं। उनकी योजना हर साल 100 घर बनाने की है। इन गौरैया घरों को रायवाला व आसपास क्षेत्रों में लगाए जा रहे हैं।
ग्राम खाण्ड रायवाला के अक्षत त्रिवेदी ने हमारे घर आँगन से विलुप्त होती जा रही गौरैया पक्षी के संरक्षण के मुहीम को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं। वह स्वयं के खर्चे पर प्लाइवुड से ‘गौरैया घर’ बनाकर उन्हें लोगों को बांट रहे हैं। अक्षत बताते हैं कि उन्होंने फिलहाल 65 गौरैया घर बनाए हैं। रविवार को गौरैया दिवस से इनको विभिन्न जगहों पर लगाने और घरों में बांटने की मुहिम शुरू की है। सबसे पहले उन्होंने अपने आवास व पड़ोस के घरों में गौरैया के लिए गौरैया घर लगाए। अक्षत को उम्मीद है कि जल्द इन घरों में गौरैया अपना डेरा डालेगी। इस काम में अक्षत के मित्र विश्वजीत यादव, गोहरीमाफ़ी के ग्राम प्रधान रोहित नौटियाल व रायवाला गाँव निवासी दीपक जोशी भी मदद कर रहे हैं। अक्षत का कहना है कि केवल पर्यावरण संरक्षण की बातें कर और बड़े-बड़े कार्यक्रम आयोजित करने से बात नहीं बनेगी, इसके लिए धरातल पर वास्तविक काम होने जरूरी हैं। विलुप्त हो रही गौरैया को बचाने के लिए ठोस प्रयास जरूरी हैं।
रविवार को 21 जगहों पर लगाए बर्ड हाउस : विश्व गौरैया दिवस पर अक्षत ने रायवाला में विभिन्न जगहों पर 21 ‘गौरैया घर’ लगाए, जिसके लिए गौहरीमाफी के ग्राम प्रधान रोहित नौटियाल ने उनकी सराहना की। वहीं अक्षत को गौरैया संरक्षण के लिए एसएमजेएन डिग्री कालेज हरिद्वार की ओर से सम्मानित किया गया। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने 100 नए पक्षी घर बनाने के लिए आर्थिक मदद की है।
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