डाडा जलालपुर में पलायन करने को मजबूर हुए परिजन,घर पर लिखा यह घर बिकाऊ हैं। प्रशासन ने लिखा हुआ पुतवाया
16 अप्रैल को हनुमान जयंती शोभायात्रा के दौरान दो पक्षों में हुए बवाल के तकरीबन 25 दिन बाद गाँव में कुछ परिवारों ने अपने घर पर यह घर बिकाऊ है। लिख दिया। और गांव से पलायन करने की ठान ली जिसकी सूचना मिलते ही आनन फानन में प्रशासन की टीम गाँव में मौके पर पहुँची और जितने भी घरों पर यह घर बिकाऊ हैं। लिखा था उसे पेंट से पुतवा दिया। अभी भी गांव में एक समुदाय के लोग खोफ में जी रहे हैं। पलायन करने वाले ग्रामीणों का कहना है। कि 16 अप्रैल को गाँव में हुई घटना के बाद हम लोग डर के साये में जीने को मजबूर हैं। और कभी भी कोई घटना घट सकती है। जिस कारण उंन्होने गाँव से पलायन करने का मन बना लिया है। पथराव आगजनी मारपीट के बाद हमें दहशत हो गई है। इसीलिए हमनें अपने घरों पर यह मकान बिकाऊ है। लिखवा दिया। जैसे ही इसकी भनक प्रशासन को लगी वैसे ही बिना समय गवाये प्रशासन की टीम ने मौके पर आकर जितने भी घरों पर ये मकान बिकाऊ है। उसको पेंट से पुतवा दिया। डाडा जलालपुर के असलम का कहना है। कि बवाल के दौरान उनका काफी नुकसान हो गया हैं। जिसकी आज तक उन्हें आर्थिक सहायता राशि तक नही मिल पाई है। साथ ही वो डर के साये में भी जी रहे हैं। इसलिए वो अब अपने घर बेचना चाहते है। वही इस मामले में एसडीएम भगवानपुर बृजेश सिंह तिवारी का कहना है। कि उन्हें सूचना मिली थी। कि गांव में कुछ परिवारों ने अपने घरों पर यह घर बिकाऊ है लिखा था उसके तुरंत बाद तहसीलदार को गांव में जाने को कहा गया और परिवारों से बातचीत करने के बाद मकानों पर लिखा यह घर बिकाऊ है। उसको मिटा दिया गया। एसडीएम ब्रजेश सिंह तिवारी ने कहा नुकसान की अभी तक लिखित में कोई सूचना प्रशासन को नही मिली है। और जो सात परिवार पलायन करने को मजबूर थे। उनको समझाकर उनके घर पर लिखा हुआ भी मिटवा दिया गया है। और गांव में फिलहाल शान्तिपूर्ण माहौल बना हुआ है।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.