आईआईटी रुड़की के साथ शिक्षण संस्थान चिकित्सा संस्थानों ने किया एमओयू साईन

हरिद्वार

आईआईटी रुड़की ने आसपास के शिक्षा संस्थानों एवं अनुसंधान संगठनों के साथ साझेदारी हेतु समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए और आईआईटी रुड़की में उपलब्ध सभी तकनीकी सुविधाएं एवं शैक्षणिक संसाधनों को इन संस्थानों के लिए उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया ।
आईआईटी रुड़की स्थापना के 175 साल के समारोह के अवसर पर आज आईआईटी रुड़की द्वारा उत्तराखंड और 5 चयनित शिक्षण संस्थानों जैसे ग्राफिक एरा स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय जौली ग्रांट नोएडा इंस्टिट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एवं टेक्नोलॉजी नोएडा तथा एनआईटी उत्तराखंड के साथ-साथ कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग रुड़की के साथ सहयोग के लिए प्रारंभिक ढांचा स्थापित करने पर सहमति व्यक्त की गई और समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए । आईआईटी रुड़की के डिप्टी डायरेक्टर एम परीदा ने बताया एमओयू होने के बाद आईआईटी रुड़की इन संस्थानों को तकनीकी व अनुसंधान नवाचार और विकास क्षेत्र में सहयोग करेगा तथा यहां के फैकेल्टी इन संस्थानों में जाकर लेक्चर भी देंगे। इन संस्थानों के छात्र-छात्राएं यहां आकर यहां के संसाधनों जैसे लैब व अन्य तकनीक का ज्ञान भी प्राप्त कर सकेंगे l इसके अलावा संयुक्त रूप से शोध पत्र भी जारी कर सकेंगे। फिलहाल यह समझौता 3 वर्ष के लिए किया गया है। इसे आगे भी बढ़ाया जा सकता है l यह अपने आप मे एक ऐतिहासिक कदम है साइंटिस्ट और डॉक्टर आपस में शोध और आगे क्या हो सकता है उस पर चर्चा करेंगे। स्वामी राम हिमालयन विश्विद्यालय जौली ग्रांट के कुलपति विजय धस्माना ने इसे एक सराहनीय पहल बताते हुए कहा की इससे उनके संस्थान को लाभ मिलेगा उन्होंने कहा कि अब चिकित्सा को और सुलभ व सस्ता बनाने के लिए डॉक्टर इंजीनियर मिलकर ऐसे उपकरणों का निर्माण करने की दिशा में काम करेंगे जिससे लोगों को सस्ती चिकित्सा सुविधा मिल सके। और जो चिकित्सा की कॉस्ट है। उसको हम नीचे ला सकें
उन्होंने बताया कि स्वामी राम विश्वविद्यालय उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में चिकित्सा के क्षेत्र में कार्य करना चाहते हैं। इस लिए हमने गांव गांव तक चिकित्सा सुविधा को पहुंचाने के लिए काम कर रहा है। साथ ही चिकित्सा स्वास्थ्य शिक्षा एवम व्यवसाय का लाभ उत्तराखंड के लोगों को दिलाने के दिशा में सार्थक प्रयास कर रहा है। आईआईटी रुड़की के साथ हुए समझौते के बाद संस्थान को अपने मिशन में और अधिक लाभ होगा। मैं यह स्पष्ट करना चाहूंगा की कोई भी सरकार होगी यह संभव नहीं है कि हर जगह अस्पताल खुल जाए के इसलिए टेक्नोलॉजी के माध्यम से खास करके इसमें टेली मेडिसन एक बहुत बड़ा लाभकारी माध्यम है जिसके ऊपर हम ऑलरेडी काम कर रहे हैं हमारे दो सेंटर ऑलरेडी चल रहे हैं टेलीमेडिसिन के तो टेक्नोलॉजी को इस्तेमाल करके हम पूरी चिकित्सा सुविधा को बेसिक चिकित्सा सुविधा को वहां गांव गांव तक पहुंचा सकते हैं उत्तराखंड मैं अभी तक 2000 गांव में हम लोगो ने चिकित्सा के ऊपर स्वास्थ्य के ऊपर शिक्षा के ऊपर इनकम जनरेशन के ऊपर और माइग्रेशन कैसे रोका जाए उसके ऊपर हम लोग काम कर रहे हैं अभी तक 550 गांव में हमने पीने का पानी पहुंचाया है जो कि आप अनुमान लगा लीजिए जो महिलाएं पांच पांच किलोमीटर दस दस किलोमीटर दूर जाकर पानी लेकर आती थी जो बच्चियां है खास करके वह स्कूल जा सके वह समय को सही ढंग से व्यतीत कर सके इसके ऊपर हम लोग एक्सटेंसिवली पहाड़ पर काम कर रहे हैं।

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