कन्हैयालाल की हत्या के विरोध में साधु संतों का पैदल शांति मार्च

सरेआम फांसी देने की मांग

उदयपुर में कन्हैया लाल की हुई हत्या के विरोध में रविवार को धर्मनगरी हरिद्वार में धार्मिक लोगो, देश प्रेमीयों के साथ साधु संतों ने पैदल शांति मार्च निकाल घटना के खिलाफ अपना विरोध दर्ज किया। इस दौरान मार्च निकाल रहे लोगों ने कन्हैयालाल के हत्यारों को खुलेआम फांसी की सजा देने की मांग की।

शांति मार्च के दौरान सैकड़ों की संख्या में स्थानीय लोग मौजूद रहे। अखाड़ा परिषद के पूर्व प्रवक्ता बाबा हठयोगी, समाजसेवी डॉ. विशाल गर्ग और पंडित अधीर कोशिक के नेतृत्व मैं शांति मार्च की शुरुआत रानीपुर मोड़ स्थित निजी बैंकट हॉल से हुई। चंद्राचार्य चौक होते हुए पैदल शांति मार्च महाराज अग्रसेन घाट पहुंचा। जहां शांति मार्च में मौजूद लोगों ने कन्हैयालाल को दीपदान कर श्रद्धांजलि दी। मौके पर मौजूद लोगों ने मां गंगा से कन्हैया लाल की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना भी की।

पैदल शांति मार्च का नेतृत्व कर रहे अखाड़ा परिषद के पूर्व अध्यक्ष बाबा हठयोगी ने कहा कि कन्हैयालाल की हत्या के विरोध में शांति मार्च निकाला जा रहा है। हत्यारे किसी भी समाज के हो, उन्हें सरेआम फांसी की सजा दी जानी चाहिए। अग्रसेन घाट पहुंचकर कन्हैयालाल और अमरावती में हुई घटना के दिवंगत के लिए गंगा में दीपदान कर गंगा से आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई है।

VO-3–डॉ विशाल गर्ग ने मांग की कि हत्यारों का मुकदमा फास्ट कोर्ट में चलना चाहिए और देश में हो रही घटनाओं पर शासन प्रशासन को सख्त होना चाहिए। देश का धार्मिक सौहार्द बिगड़ रहा है। धार्मिक उन्माद फैलाने वाले लोगों और इस तरह की निर्मम हत्या करने वाले लोगों को कठोर से कठोर सजा दी जाए।

वहीं पंडित अधीर कौशिक ने कहा कि जिन लोगों ने कहा है कि रसूल की गुस्ताखी में धड़ तन से जुदा होगा ऐसे लोगों की जांच की जानी अति आवश्यक है। आज हमें यह नहीं पता है कि हमारे पास बैठा व्यक्ति हमारे बारे में क्या सोच रहा है। जो लोग पाकिस्तान और दूसरे देशों में जाकर वापस लौट रहे हैं। ऐसे लोगों की जांच कर खुफिया विभाग को कड़ी करवाई करनी चाहिए।

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