श्री गंगा सभा चुनाव को लेकर प्रत्याशियों ने तेज किया प्रचार, तीर्थ पुरोहितों के घर जाकर अपने लिए मांगे वोट
श्री गंगा सभा चुनाव 2023 के लिए सभापति पद हेतु श्री कृष्ण कुमार शर्मा ठेकेदार,अध्यक्ष पद हेतु नितिन गौतम एवं महामंत्री पद हेतु एडवोकेट तनमय वशिष्ट द्वारा ज्वालापुर के मोहल्ला फिरेडीयान,देवतान,
सीखोला चौक एवं नील खुदाना इत्यादि क्षेत्रों में तीर्थ पुरोहितों के घर जाकर अपने लिए वोट मांगे।
आपको बता दें प्रत्येक 4 वर्ष बाद हर की पौड़ी हरिद्वार की प्रबंध कारिणी संस्था चुनाव लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत संपन्न होते हैं जिसमें लिक मर्यादा शामिल तीर्थ पुरोहितों के परिवार ही अपने मतों का प्रयोग करते हैं इस बार तीन खेमें आमने-सामने चुनावी मैदान है। जिसमें सभापति पद पर वर्तमान सभापति कृष्ण कुमार शर्मा तथा अध्यक्ष पद पर समाजसेवी नितिन गौतम एवं महामंत्री पद पर वर्तमान महामंत्री तन्मय वशिष्ठ का खेमा मजबूत होकर चुनाव लड़ रहा है तो वही उनके सामने एक खेमे का नेतृत्व पूर्व महामंत्री वीरेंद्र श्रीकुंज कर रहे हैं। जो कि इस बार अध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ रहे हैं वही दूसरे खेमे का नेतृत्व पूर्व अध्यक्ष एवं महामंत्री राम कुमार मिश्रा कर रहे हैं जो कि वह भी स्वयं अध्यक्ष पद पर ही चुनाव लड़ रहे हैं। हरिद्वार की तीन प्रमुख बस्तियों हरिद्वार नगर,ज्वालापुर नगर एवं कनखल नगर में बसने वाले लीक मर्यादा में शामिल तीर्थ पुरोहितों के मताधिकार द्वारा इन महत्वपूर्ण पदों का चयन होता है इसीलिए तीनों प्रमुख बस्तियों में सभी प्रत्याशी लगातार तीर्थ पुरोहित परिवारों से जनसंपर्क कर रहे हैं।
वर्तमान की स्थिति में लंबे समय से सभापति पद पर बना रहे वरिष्ठ तीर्थ पुरोहित कृष्ण कुमार शर्मा एक बार पुनः इसी पद पर चुनाव लड़ रहे हैं तथा उनके साथ युवा अधिवक्ता वर्तमान में भी महामंत्री तन्मय वशिष्ठ जो इस बार पुनः महामंत्री पद पर लड़ रहे हैं तथा पूर्व चुनाव में अध्यक्ष पद पर ही चुनाव लड़े तथा कुछ मतों के अंतर से पीछे रहने के बाद इस बार पुनः अध्यक्ष पद पर ही चुनाव लड़ रहे नितिन गौतम का खेमा सबसे मजबूत स्थिति में नजर आ रहा है। दरसल इस कार्यकाल में हर की पौड़ी के सौंदर्यकरण सहित समाज के विभिन्न सकारात्मक किए गए कार्यों को आधार बनाकर ही चुनाव मैदान में है ऐसा बताया जाता है की लंबे समय से लंबित बहुत सारे विषयों के कारण ही पूर्व के पदाधिकारी चुनाव हारे थे लेकिन जब से महामंत्री तन्मय वशिष्ठ ने कार्यकाल संभाला उसमें अगर 2 वर्ष करोना काल का कार्यकाल निकाल दिया जाए तो कुंभ के आयोजन के साथ-साथ हर की पौड़ी सुंदरीकरण एवं समाज की धर्मशाला सुंदरीकरण तथा समाज के विभिन्न विषयों में प्रमुखता से खड़े रहना तथा समाज के बाहर अन्य समाज में भी अपनी अच्छी पहचान बनाने में कामयाब रहे। जिसके कारण तन्मय वशिष्ठ खेमे का प्रभाव इस चुनाव में बड़ा माना जा रहा है वही उनके सामने पूर्व में चुनाव हार चुके वही पदाधिकारी सामने हैं जिनको समाज ने दरकिनार कर दिया था। चुनाव प्रचार शुरू होने से पूर्व ऐसा माना जा रहा था कि वीरेंद्र श्रीकुंज एवं राम कुमार मिश्रा जो लंबे समय से दूर विरोधी रहे वह तन्मय वशिष्ठ खेमे के सामने एक होकर लड़ेंगे लेकिन आपस में पदों की खींचतान को लेकर अब दोनों नेता अपना अलग-अलग खेमा बनाकर एक ही अध्यक्ष पद पर खुद ही आमने सामने आ गए हैं। जिस महामंत्री पद तथा उस पर मौजूद युवा अधिवक्ता तन्मय वशिष्ठ को विरोध का आधार बनाकर चुनाव लड़ना चाह रहे थे वही अब महामंत्री तन्मय वशिष्ट के सामने बड़ी चुनौती नहीं रह गई है उनके सामने दोनों के मुंह से लड़ने वाले प्रत्याशी अभी तक किसी भी मजबूत स्थिति में नजर नहीं आ रहे हैं।
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