एम्स, ऋषिकेश में कार्डियो-डायबिटिक सोसायटी का चौथा वार्षिक सम्मेलन संपन्न
हृदय संबंधी बीमारियां और मधुमेह पूरी दुनिया में सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए एक बड़ा ख़तरा बन गई हैं। विशेषज्ञों के अनुसार भारतीयों को विशेषरूप से इन बीमारियों से मृत्यु का खतरा अधिक है। इसके मद्देनजर एम्स ऋषिकेश में कार्डियों-डायबिटिक सोसायटी के तत्वावधान में दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया गया,जिसमें विशेषज्ञों ने कार्डियोलॉजी और मधुमेह में नवीनतम प्रगति पर चर्चा की। तीन व चार नवंबर- 2023 को एम्स ऋषिकेश में आयोजित सम्मेलन में संस्थान की कार्यकारी निदेशक और सीईओ प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह वर्चुअल रूप से शामिल हुईं। इस अवसर पर उन्होंने सोसायटी की ओर से आयोजित सम्मेलन में प्रतिभाग करने वाले विशेषज्ञों का स्वागत किया। कार्यकारी निदेशक ने मधुमेह में देखी जाने वाली जटिलताओं को शीघ्र पहचानने की आवश्यकता पर जोर दिया। बतौर अतिथि एम्स गोरखपुर की कार्यकारी निदेशक और सीईओ प्रो. सुरेखा किशोर ने बताया कि मधुमेह लगभग सभी अंगों में जटिलताओं का प्रमुख कारण है और इस पर G20 शिखर सम्मेलन में भी चर्चा की गई थी, जहां भारत सरकार ने उच्च रक्तचाप और मधुमेह के लिए 7,50,00,000 नागरिकों की जांच करने का निर्णय लिया है। इस दौरान एम्स भोपाल के डीन (अकादमिक) प्रो. रजनीश जोशी ने भी विचार रखे। सम्मेलन के तहत सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाने के लिए गणमान्य व्यक्तियों द्वारा एक रोगी शिक्षा पुस्तिका भी लॉन्च की गई।
कॉन्फ्रेंस में देशभर और विभिन्न एम्स संस्थानों के विशेषज्ञों ने अपने अनुभवों की चर्चा की और युवा चिकित्सकों के साथ अपना ज्ञान साझा किया। इस अवसर पर विशेषज्ञों द्वारा मधुमेह में फेफड़ों की जटिलताओं, मधुमेह में पोषण, मधुमेह में नए बायोमोलेक्यूल्स, मधुमेह में जोड़ों की समस्याएं, मधुमेह में बाल झड़ना, मधुमेह में यौन समस्याएं, वयस्क टीकाकरण, मधुमेह में संक्रमण, मधुमेह में हृदय विफलता, सर्जरी द्वारा मोटापे का इलाज आदि विषयों पर गहन चर्चा की गई। सम्मेलन के प्रमुख वक्ताओं में एम्स,ऋषिकेश के जनरल मेडिसिन विभागाध्यक्ष प्रोफेसर रविकांत, सीएफएम विभागाध्यक्ष प्रोफेसर वर्तिका सक्सैना, प्रोफेसर नितिन बंसल, प्रो. गिरीश सिंधवानी, डॉ. अमित वर्मा, डॉ. प्रखर शर्मा, डॉ. के. बालामुरुगेसन, डॉ. कल्याणी श्रीधरन, डॉ. वेंकटेश पई, डॉ. नवीन कंसल, डॉ. रवींद्र शुक्ला, डॉ. ज्योति प्रकाश, डॉ. महेंद्र, डॉ. स्मिता, डॉ. विष्णु, डॉ. रिफिका, डॉ. मनु शर्मा, डॉ. मोहित गर्ग, डॉ. अनिरुद्ध मुखर्जी, डॉ. दिव्यांशी शर्मा, डॉ. राहुल मेहरोत्रा, डॉ. नम्रता गौड़, डॉ. कार्तिक भार्गव, डॉ. आलोक जोशी, डॉ. लोकेश अरोड़ा और डॉ. अमित छाबड़ा शामिल थे। सम्मेलन के तहत प्रथम दिवस हुए विभिन्न सत्रों को लेकर उपस्थित चिकित्सकों में काफी उत्साह देखने को मिला। इस अवसर पर विभिन्न सेमिनारों के अलावा, चिकित्सा संबंधी बहसें और प्रशिक्षु डॉक्टरों द्वारा रिसर्च पेपर प्रस्तुतियां दी गईं। जबकि दूसरे दिन शनिवार को जूनियर डॉक्टरों के लिए ईसीजी और इकोकार्डियोग्राफी पर कार्यशाला आयोजित की गई।
कार्डियो-डायबिटीज सोसायटी के तत्वावधान में आयोजित चतुर्थ वार्षिक सम्मेलन के समापन अवसर पर सोसायटी के अध्यक्ष और एम्स ऋषिकेश में मेडिसिन विभाग के प्रमुख प्रोफेसर रवि कांत ने सम्मेलन की शानदार सफलता पर खुशी व्यक्त की और भविष्य में भी इस तरह के आयोजन नियमिततौर पर जारी रखने का संकल्प लिया। सम्मेलन के आयोजन सचिव डॉ. मुकेश बैरवा ने सभी विशेषज्ञों और सहयोगी स्टाफ सदस्यों का धन्यवाद ज्ञापित किया। कांफ्रेंस के संचालन में डॉक्टर साहिल, डॉक्टर निधि भूतडा, डॉक्टर राशि मित्तल, डॉक्टर बालाचंद्रा, नीलांजना आदि का योगदान रहा।