जनता दंडित करे उससे पहले चेहरा बदलकर भाजपा जनता की आंखों में झोंकना चाहती है धूल,हरीश रावत

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री श्री रमेश पोखरियाल निशंक जी और श्री तीरथ सिंह रावत जी का एक लंबा राजनैतिक जीवन रहा है, कई पदों को उन्होंने सुशोभित किया है। अभी उनमें शारीरिक क्षमता और बौद्धिक ऊर्जा, दोनों बरकरार हैं। मगर इसके बावजूद भाजपा ने उनको हरिद्वार और पौड़ी से उम्मीदवार नहीं बनाया, उनको बदलकर नये, मगर सुपरिचित चेहरों को उम्मीदवार बनाया है। प्रश्न यह है कि ये लोग चुनाव लड़ना चाहते थे, यह सीटिंग सांसद थे, इनका अधिकार बनता था, इन दोनों को उम्मीदवार के रूप में न दोहराकर भाजपा ने केवल इन दोनों को ही नहीं बल्कि हरिद्वार और पौड़ी की जनता को इस नैसर्गिक और प्राकृतिक अधिकार से वंचित कर दिया कि वह इन सांसदों से पूछते कि आपने अपने कार्यकाल में क्या-क्या काम किये? चेहरा बदल कर जनता से उसके स्वाभाविक अधिकार को छीनना, यह भारतीय जनता पार्टी की राजनीति का एक हिस्सा हो गया है। यदि भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार ने अच्छा काम किया है तो फिर इनको 50 प्रतिशत से अधिक अपने वर्तमान सांसदों के टिकट क्यों काटने पड़े, उनके स्थान पर क्यों नए चेहरे देने पड़े हैं? इसका स्पष्ट अर्थ है कि भारतीय जनता पार्टी पिछले 10 वर्षों के अंदर जो विकास के बड़े-बड़े दावे कर रही है वह खोखले हैं, वह धरती पर नहीं हैं। जनता दंडित करे उससे पहले चेहरा बदलकर भाजपा जनता की आंखों में धूल झोंकना चाहती है।