भगवान श्रीचंद्र ने अज्ञानता को दूर कर समाज को एक सूत्र में बांधा-आचार्य बालकृष्ण
साक्षात शिव स्वरूप हैं भगवान श्रीचंद्र-मुखिया महंत भगतराम
उदासीनाचार्य जगद्गुरू भगवान श्रीचंद्र महाराज की 529वीं जयंती श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन एवं श्री पंचायती अखाड़ा नया उदासीन में धूमधाम से मनायी गयी। पहाड़ी बाजार स्थित श्री पंचायती अखाड़ा नया उदासीन में अखाड़े के अध्यक्ष महंत धूनीदास एवं मुखिया महंत भगतराम महाराज के संयोजन में संत महापुरूषों ने धर्मध्वजा फहरायी और भगवान श्रीचंद्र महाराज की पूजा अर्चना कर लोककल्याण की कामना की। कार्यक्रम के दौरान भगवान श्रीचंद्र को नमन करते हुए अखाड़े के मुखिया महंत भगतराम महाराज ने कहा कि साक्षात शिव स्वरूप भगवान श्रीचंद्र ने पूरे देश का भ्रमण कर समाज में फैली अज्ञानता और कुरीतियों को दूर किया। विभिन्न मत संप्रदायों में बंटे समाज को एकजुट कर व भेदभाव को दूर कर समाज में समन्वय का सूत्र प्रदान किया। अखाड़े के अध्यक्ष महंत धूनीदास महाराज ने कहा कि समस्त संत समाज के आदर्श भगवान श्रीचंद्र महाराज की शिक्षाएं अनंतकाल तक समाज का मार्गदर्शन करती रहेंगी।
श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन में आयोजित भगवान श्रीचंद्र जयंती समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथी पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण महाराज ने कहा कि भगवान श्रीचंद्र ने समाज में ज्ञान का प्रकाश कर अज्ञानता के अंधकार को दूर किया और कुरीतियों को दूर कर समाज को एकता के सूत्र में बांधा। सभी को उनके द्वारा स्थापित आदर्शो का पालन करते हुए मानव कल्याण में योगदान करना चाहिए। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष एवं श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि भगवान श्रीचंद्र भगवान श्रीचंद्र के दिखाए ज्ञान भक्ति के मार्ग का अनुसरण करते हुए संत समाज राष्ट्र कल्याण में अपना योगदान कर रहा है। उन्होंने कहा कि संत समाज ने हमेशा ही भक्तों को ज्ञान की प्रेरणा देकर उनके कल्याण का मार्ग प्रशस्त किया है। श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के कोठारी महंत राघवेंद्र दास महाराज एवं जयेंद्र मुनि ने कहा कि जगद्गुरू उदासीनाचार्य श्रीचंद्र भगवान उदासीन संप्रदाय के प्रवर्तक और त्याग एवं तपस्या की साक्षात प्रतिमूर्ति थे। उनकी प्रेरणा से ही संत समाज धर्म के संरक्षण संवर्द्धन और प्रचार प्रसार में अपनी सहभागिता निभाता चला आ रहा है। स्वामी हरिचेतनानंद, महंत धूनीदास, सतपाल ब्रह्मचारी एवं महंत गोविंददास ने कहा कि संत महापुरूषों के सानिध्य में ही भक्तों का कल्याण होता है। सभी को सद््गुरू के बताए मार्ग पर चलते मानव सेवा में योगदान करना चाहिए। पूर्व विधायक संजय गुप्ता ने कहा कि समाज को एकता व समरसता का संदेश देने वाले जगद्गुरू भगवान श्रीचंद्र महाराज की शिक्षाएं सदैव प्रासंगिक रहेंगी।
इस अवसर पर मुखिया महंत आकाश मुनि, महंत नारायण दास, महंत जसविन्दर सिंह, महंत मंगलदास, महंत जगतार मुनि, महंत धूनीदास, महंत अरूण दास, महंत सुरजीत मुनि, महंत प्रेमदास, महंत मुरलीदास, महंत विष्णुदास, महंत तीर्थदास, महंत बसंत मुनि, महंत शिवशंकर गिरी, महंत नारायण दास पटवारी, महंत रघुवीर दास, महंत सूरज दास, महंत बलवंत दास, स्वामी रविदेव शास्त्री, महंत दामोदर शरण दास, स्वामी शिवानंद, महंत विनोद महाराज, महंत बिहारी शरण, महंत गंगादास उदासीन, स्वामी दिनेश दास, मेयर अनिता शर्मा, एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार, पीएसी कमांडेंट सुरजीत सिंह पंवार, नगर कोतवाली प्रभारी भावना कैंथोला, मेयर प्रतिनिधि अशोक शर्मा, पार्षद सुनील गुड्डू, पूर्व पार्षद भूपेंद्र, पार्षद नितिन माणा, पार्षद अनिरूद्ध भाटी, विदित शर्मा, आकाश भाटी, विकास तिवारी, मधुर शर्मा, दीपक मणि सहित अनेक गणमान्य लोग मौजूद रहे।