एम्स, ऋषिकेश व आईसीएमआर-राष्ट्रीय पोषण संस्थान (आईसीएमआर-एनआईएन), हैदराबाद के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित

एम्स, ऋषिकेश व आईसीएमआर-राष्ट्रीय पोषण संस्थान (आईसीएमआर-एनआईएन), हैदराबाद के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित “डाइट एंड बायोमार्कर स्टडी इंडिया (डीएबीएस-आई)” परियोजना प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य अतिथि संस्थान की कार्यकारी निदेशक और सीईओ प्रोफेसर( डॉ.) मीनू सिंह ने विधिवत उद्घाटन किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में डीएबीएस-आई उत्तराखंड की राज्य नोडल अधिकारी व सामुदायिक और पारिवारिक चिकित्सा विभागाध्यक्ष एम्स प्रोफेसर (डॉ.) वर्तिका सक्सेना और डॉ. हेमंत महाजन, वैज्ञानिक और राज्य समन्वयक (डीएबीएस-आई) ने विशेषरूप से प्रतिभाग किया।

आईसीएमआर-एनआईएन सीएनईआर बिल्डिंग, एम्स, ऋषिकेश में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में मुख्य अतिथि संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) मीनू सिंह ने डेटा बेस इस परियोजना को नागरिक हित में बताया और इस कार्यक्रम की सराहना की।
सीएफएम विभागाध्यक्ष व डीएबीएस-आई उत्तराखंड की नोडल अधिकारी प्रोफेसर (डॉ.) वर्तिका सक्सेना ने बताया कि डीएबीएसआई (DABS-I) परियोजना देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में तीन चरणों में संचालित की जा रही है।


इस परियोजना के तीन मुख्य उद्देश्य हैं। जिनमें राज्य के चिह्नित जिलों में मात्रात्मक 24-घंटे आहार स्मरण का उपयोग करके विभिन्न आयु समूहों के बीच व्यक्तिगत भोजन और पोषक तत्वों के सेवन का आंकलन करना, चयनित घरों में एनीमिया, मधुमेह, मोटापा और अन्य संबंधित पोषण संबंधी बायोमार्कर (रक्त) की व्यापकता का आंकलन करना और शहरी और ग्रामीण आबादी के बीच आमतौर पर खाए जाने वाले पके हुए खाद्य पदार्थों में भोजन की संरचना का आंकलन करना है।
बताया गया है कि डीएबीएसआई (DABS-I) परियोजना के प्रथम चरण में छह से आठ महीने की अवधि में उत्तराखंड राज्य के छह जिलों (हरिद्वार, नैनीताल, उधमसिंहनगर, पौड़ी गढ़वाल, पिथौरागढ़ और उत्तरकाशी) के 100 गांवों और शहरी वार्डों से डेटा एकत्र किया जाएगा।

इस अवसर पर आईसीएमआर-एनआईएन की प्रशिक्षण टीम और कर्मचारी डॉ. देवराज जेपी, डॉ. वीरेंद्र पानपाटिल, वंकुदावथ राजू नाइक, श्री पी.वी., डीएबीएस-आई उत्तराखंड परियोजना में शामिल किए गए 26 कार्मिकों के साथ ही सुनु, डॉ. अरुणा तलारी आदि मौजूद थे।