भूखे अफगानों की मदद में बाधा बना पाकिस्तान, नहीं दे रहा भारतीय गेहूं को बॉर्डर पार जाने की इजाजत

पाकिस्तान ने लगभग एक महीने पहले कहा था कि वह वाघा सीमा के जरिए अफगान लोगों के लिए भारतीय मानवीय सहायता ले जाने जाने की इजाजत देगा। लेकिन एक महीने बाद भी भारत किसी भी तरह से अफगानिस्तान गेहूं को भेजने में सक्षम नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस्लामाबाद ने तौर-तरीकों को अंतिम रूप नहीं दिया है। भारतीय पक्ष ने 7 अक्टूबर को वाघा के जरिए 50,000 टन गेहूं और दवाएं भेजने का प्रस्ताव रखा था। इसका जवाब पाकिस्तान ने 3 दिसंबर को दिया था। पाकिस्तान ने कहा कि वह भारतीय राहत सामग्री को केवल अफगान ट्रकों में ही भेजने की अनुमति देगा।

घटनाक्रम से परिचित एक व्यक्ति ने मंगलवार को नाम न छापने की शर्त पर कहा, “वाघा बॉर्डर के जरिए गेहूं की ढुलाई अभी शुरू नहीं हुई है क्योंकि हम अभी भी सभी तौर-तरीकों पर पाकिस्तानी पक्ष के जवाब का इंतजार कर रहे हैं।” इस मामले से परिचित लोगों ने कहा कि पाकिस्तान का सुस्त रवैया आश्चर्यजनक है क्योंकि काबुल में मौजूद ‘तालिबान सरकार’ ने भी अफगानिस्तान में मानवीय संकट के बीच खाद्य पदार्थों की तत्काल आवश्यकता को देखते हुए पाकिस्तान सरकार के साथ इस मुद्दे को उठाया था। कार्यवाहक विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी के नेतृत्व में तालिबान के एक प्रतिनिधिमंडल ने नवंबर में इस्लामाबाद का दौरा किया था और विशेष रूप से शीर्ष पाकिस्तानी नेताओं के साथ भारत से गेहूं के शिपमेंट की अनुमति देने के मुद्दे पर चर्चा की थी।

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