रसिया की धरती भी ज्योति कलश यात्रा होगी प्रकाशित

रसिया की धरती भी ज्योति कलश यात्रा होगी प्रकाशित

वर्ष 2026 अखिल विश्व गायत्री परिवार की संस्थापिका परम वंदनीया माता भगवती देवी शर्मा एवं अखंड दीप का शताब्दी वर्ष है। इस आयोजन से सनातन धर्म व भारतीय संस्कृति के प्रति रुचि रखने वाले करोड़ों लोगों को जोड़ने के उद्देश्य से ज्योति कलश यात्रा निकाली जा रही है। अब यह यात्रा भारत से करीब पांच हजार किमी दूर बसे रूस में भी निकाली जायेगी। रसिया से 16 सदस्यीय एक दल गायत्री तीर्थ शांतिकुंज हरिद्वार पहुंचा। दल ने अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख श्रद्धेय डॉ प्रणव पण्ड्या एवं श्रद्धेया शैलदीदी से भेंटकर रसिया के लोगों की अपेक्षाओं से अवगत कराया। प्रमुखद्वय ने रूस की राजधानी मास्को, कालीनिनग्राद और फीयोदोसिया में विराट गायत्री महायज्ञ के आयोजन पर

सहमति दी और देवसंस्कृति विवि, शांतिकुंज के कार्यकर्ता डॉ ज्ञानेश्वर मिश्र को समन्वयक की जिम्मेदारी सौंपी। डॉ मिश्र ने बताया कि जन्मशताब्दी वर्ष के कार्यक्रमों के अंतर्गत रसिया की धरती के कई शहरों में 24 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ का आयोजन होगा और अनेक शहरों में ज्योति कलश यात्रा निकाली जायेगी, जिससे रसियन लोगों में भारतीय संस्कृति से प्रकाशित किया जायेगा। उन्होंने बताया कि इस आयोजन हेतु रसिया के 16 सदस्यीय एक दल विगत कई दिनों से शांतिकुंज व देसंविवि में साधना व यज्ञीय कार्यक्रम हेतु प्रशिक्षण ले रहे हैं। डॉ मिश्र ने बताया कि स्नेहसलिला श्रद्धेया शैलदीदी ने रूस की राजधानी मास्को, कालीनिनग्राद और फीयोदोसिया में होने वाले महायज्ञ के लिए ज्योति कलश का पूजन किया और बैण्ड, शंख, घंटा के निनाद के साथ भव्य रैली निकाली गयी। यह आयोजन भारतीय संस्कृति का प्रसार के साथ दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और धार्मिक संबंधों को भी मजबूत बनाने में सहायक भूमिका निभायेगा।