सृष्टि में में सनातन धर्म सबसे पुराना है राधेश्याम जी महाराज।

सृष्टि में में सनातन धर्म सबसे पुराना है राधेश्याम जी महाराज।

प्रताप नगर विकासखंड के पट्टी रोनद रमोली में आयोजित श्रीमद्भागवत महापुराण में व्यासपीठ पर विराजमान ब्याश राधे श्याम जी महाराज ने कहा है कि सनातन धर्म में श्रीमद्भागवत महापुराण सुनने मात्र से ही मानव जीवन धन्य हो जाता है ।

यह बात उन्होंने श्रीमत चतुर्दशी देवी जी के एकोदिष्ट वार्षिक श्राद्ध के निमित श्रीमद्भागवत कथा के अवसर पर बोल रहे थे।

कहा कि भागवत पुराण हिन्दुओं के अट्ठारह पुराणों में से एक है। इसे श्रीमद्भागवतम् या केवल भागवतम् भी कहते हैं। इसका मुख्य वर्ण्य विषय भक्ति योग है, जिसमें कृष्ण को सभी देवों का देव या स्वयं भगवान के रूप में चित्रित किया गया है। इसके अतिरिक्त इस पुराण में रस भाव की भक्ति का निरुपण भी किया गया है।

आज कथा में मुख्य अतिथि के रूप में जिला कांग्रेस कमेटी टिहरी गढ़वाल के अध्यक्ष राकेश राणा ने कहा कि उत्तराखंड के कण-कण में देवी देवता वास करते हैं यहां काली सर्प नाग का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा केदारखंड के रमणीक स्थल सेम नागराजा में भगवान श्री कृष्ण साक्षात विराजमान है मथुरा में जब काली नाग के आतंक से बहुत चिंतित और परेशान थे तो भगवान केदारखंड की यात्रा में आते हुए उन्हें रमणीक नगरी गंगू रमोला की धरती रेका रमोली के मध्य के शिखर पर शतरंजू के सोड में स्वयं रात्रि वासा कर मंदिर स्थापित किया जहां असज उनकी पूजा नाग रूप में होती है ।

उन्होंने कहा की सृष्टि में सनातन धर्म सबसे पुराना और अखंड है लेकिन धर्म का बाजारीकरण नहीं होना चाहिए हम सबको अपने देवी-देवताओं और वेद, पुराण,उपनिषद, महाकाव्य में विश्वास और भरोसा होना चाहिए ।

उपरोक्त कार्यक्रम में मंडपाचार्य देशबंधु भट्ट, कुल पुरोहित विशालमणि पैन्यौली ,मुख्य यजमान खीमानंद गैरोला जी, ओमप्रकाश, देवेंद्र प्रकाश, नाग गाँव के पूर्व प्रधान श्री विनोद पंवार जी,मुलायम सिंह भंडारी ,बुद्धि प्रकाश,हरि सिंह थलवाल,मनोज राणा जी ,रविंदर सिंह राणा जी,शिव सिंह राणा जी, सहित बड़ी संख्या में भक्तगण मौजूद थे

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