एम्स संस्थान के ऑडिटोरियम में व्हाइट कोट समारोह के आयोजन के साथ ही एम्स में एमबीबीएस 2024 बैच के नए सत्र का शुभारंभ हो गया


                                                                                                                                                                                                                                         अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स ऋषिकेश में सोमवार को संस्थान के तृतीय व्हाइट कोट सेरेमनी एवं एनुअल रिसर्च -डे समारोह का आयोजन किया गया। इसके साथ ही संस्थान में एमबीबीएस- 2024 के नए सत्र का शुभारंभ हो गया। इस दौरान समारोह के मुख्य अतिथि एम्स रेवाड़ी के अध्यक्ष प्रो. धर्मेन्द्र सिंह गंगवार ने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में भविष्य का लीडर बनने के लिए एम्स से बेहतर अन्य कोई प्लेटफाॅर्म नहीं है। मेडिकल के छात्र-छात्राओं को चाहिए कि वह मेडिकल में एक्सीलेंस और ह्यूमन वेल्यूज को अपना उद्देश्य बनाकर देश के स्वास्थ्य क्षेत्र को मजबूत बनाने में अपना योगदान दें। 

संस्थान के ऑडिटोरियम में व्हाइट कोट समारोह के आयोजन के साथ ही एम्स में एमबीबीएस 2024 बैच के नए सत्र का शुभारंभ हो गया। समारोह के दौरान प्रथम वर्ष के छात्र-छात्राओं को व्हाइट कोट देकर चिकित्सकीय क्षेत्र में शामिल किया गया। इस अवसर पर व्हाइट कोट सेरेमनी के मुख्य अतिथि एम्स रेवाड़ी के प्रेजिडेन्ट्स और भारत सरकार के पूर्व सचिव प्रो. धर्मेन्द्र सिंह गंगवार ने मेडिकल के नए सत्र के छात्र-छात्राओं का मार्गदर्शन कर उन्हें स्वास्थ्य क्षेत्र में सेवा भाव से संकल्पित होने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि नीट परीक्षा के माध्यम से एम्स संस्थानों के लिए 25 लाख छात्र-छात्राओं में से एम्स संस्थानों के लिए कुछ का ही चयन हो पाता है। यह आंकड़े साबित करते हैं कि एम्स में प्रवेश पाने वाला मेडिकल का प्रत्येक स्टूडेन्ट देश के उन टाॅप छात्र-छात्राओं में हैं जो भविष्य में स्वास्थ्य क्षेत्र में लीडर साबित हो सकते हैं। प्रो. गंगवार ने कहा कि जीवन में अव्वल साबित होने के लिए उद्देश्य हमेशा ऊंचा रखने की आवश्यकता होती है। एम्स के माध्यम से वह शिखर तक उड़ान भर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस समय हेल्थ केरिकुलम में बदलाव किया जा रहा है। हेल्थ एजुकेशन के लिए यह एक टर्निंग प्वाईंट है। अब पढ़ाने के तरीके, पाठ्यक्रम और टेस्ट लेने की प्रक्रिया में बदलाव भी होंगे। साथ ही उनका सर्टिफिकेशन भी अलग होने वाला है। यह वह समय है जब केवल मेडिसिन और साइंस पढ़ने से ही काम नहीं चलेगा बल्कि मेडिकल के करिकुलम में ह्यूमिनिटेज को भी शामिल करने की आवश्यकता है।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि उत्तराखण्ड औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय के वाईस चांसलर डाॅ. प्रविन्द्र कौशल ने हेल्थ और वेलनेस सेन्टरों को एकीकृत करने की आवश्यता बतायी। कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में औषधीय पौधों की बड़ी भूमिका होती है। इस मामले में यदि एम्स ऋषिकेश और उत्तराखण्ड उद्यान एवं वानिकी विश्वविद्यालय के मध्य एमओयू गठित हो जाय तो इसका दूरगामी लाभ प्राप्त हो सकेगा। इस अवसर पर संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह ने नए सत्र की शुरुआत होने पर एमबीबीएस के छात्र-छात्राओं को बधाई दी और कहा कि देश-दुनिया के लिए चिकित्सा, अनुसंधान और विज्ञान के क्षेत्र में कार्य करते रहना ही व्हाईट कोट की पहचान है। उन्होंने कहा कि विश्व को रोग रहित बनाना ही एम्स ऋषिकेश का उद्देश्य है। संस्थान की डीन एकेडेमिक प्रो. जया चतुर्वेदी ने नया सत्र शुरू होने पर छात्र-छात्राओं को बधाई दी और कहा कि यह समारोह मेडिकल के छात्रों को भविष्य के चिकित्सकों के रूप में अपने जीवन में निभाई जाने वाली जिम्मेदारी और भूमिका को समझने में मदद करेगा। समारोह को चिकित्सा अधीक्षक प्रो. संजीव कुमार मित्तल ने भी संबोधित किया।

कार्यक्रम के दौरान ’एनुअल रिसर्च डे’ के अवसर पर संस्थान के डीन रिसर्च प्रो. शैलेन्द्र हाण्डू ने अनुसंधान क्षेत्र में वर्ष भर की गतिविधियों पर प्रकाश डाला।

उन्होंने बताया कि विभिन्न समितियां और ग्रुप विभाग के अधीन अनुसंधान कार्यों को आगे बढ़ा रहे हैं। प्रो. हाण्डू ने विभिन्न प्रोजेक्टों, पब्लिकेशन्स और पेटेन्ट आदि के बारे में विभाग की उपलब्धियां गिनायीं। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि द्वारा रिसर्च क्षेत्र में कार्य कर रहे 7 अलग-अलग श्रेणी के कुल 22 संकाय सदस्यों और स्टूडेन्ट्स अवार्ड श्रेणी में 7 छात्र-छात्राओं को अवार्ड दिया गया। साथ ही वर्षभर अनुसंधान के क्षेत्र में कार्य करने वाले रिसर्च रिव्यूअर्स को सम्मानित किया गया।

फिजियोलॉजी विभाग की एसो. प्रोफेसर डॉ. जयन्ती पंत के संचालन में आयोजित समारोह में डीन एकेडेमिक प्रो. जया चतुर्वेदी, चिकित्सा अधीक्षक प्रो. संजीव कुमार मित्तल, डीन एग्जामिनेशन प्रो. प्रशांत पाटिल, डीन रिसर्च प्रो. शैलेन्द्र हाण्डू, प्रो. लतिका मोहन, कॉलेज ऑफ नर्सिंग की प्रिन्सिपल प्रो. स्मृति अरोड़ा, डॉ. मनीषा नैथानी, डॉ. अमित सहरावत, डॉ. राजराजेश्वरी, डॉ. बेला गोयल, डॉ. इन्द्र कुमार सहरावत, डॉ. आतिफ मिर्जा, डॉ. मृदुल धर, डॉ. पीके पण्डा, डॉ. प्रशान्त कुमार वर्मा, डॉ. लतिका चावला, डॉ. अश्वनि महादुले सहित कई अन्य फेकल्टी मेम्बर, विभिन्न विभागों के अधिकारी, स्टाफ और पीजी के स्टूडेन्ट्स आदि मौजूद रहे।