बैसाखी के पर्व पर आज ही के दिन गुरु गोविंद सिंह द्वारा हिंदुत्व की रक्षा के लिए खालसा पंथ की स्थापना की गयी थी

बैसाखी के पर्व पर आज ही के दिन गुरु गोविंद सिंह द्वारा हिंदुत्व की रक्षा के लिए खालसा पंथ की स्थापना की गयी थी,कोठारी जसविंदर सिंह

बैसाखी का पर्व पूरे देश में बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है सिख समुदाय के लिए आज का दिन काफी महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि श्री गोविंद सिंह द्वारा हिंदुत्व की रक्षा के लिए आज के ही दिन खालसा पंथ की स्थापना की थी इसलिए सिख समुदाय इस पर्व को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं धर्मनगरी हरिद्वार में आज गुरुद्वारों में वैशाखी के पर्व को बड़े ही धूमधाम से मनाया गया साथ ही गुरुवाणी का पाठ किया गया

श्री पंचायती निर्मल अखाड़े के कोठारी जसविंदर सिंह का कहना है कि बैसाखी का पर्व सनातन परंपरा से जुड़े लोग आदिकाल से इस त्योहार को मनाते आ रहे हैं आज का दिन काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि आज सक्रांति है और आज से ही वैशाख महीने की शुरुआत हो रही है इनका कहना है कि श्री गुरु नानक देव जी से लेकर जो सिख समुदाय के 10 गुरु है उनकी परंपरा में सबसे महत्वपूर्ण वैशाखी पर्व को माना जाता है इसी दिन हरीमंदिर साहिब की महिमा प्रकट हुई थी पिंगला नामक व्यक्ति को कुष्ठ रोग से सरोवर में स्नान करने से मुक्ति मिली थी और आज ही के दिन श्री गुरु गोविंद सिंह महाराज द्वारा आनंदपुर की धरती पर हिंदुत्व को बचाने के लिए खालसा पंथ की स्थापना की थी

स्वामी आदि योगी महाराज का कहना है कि बैसाखी पर्व की परंपरा को निर्मल अखाड़ा और सिख समुदाय निभा रहा है श्री गुरु गोविंद सिंह द्वारा हिंदुत्व की रक्षा के लिए जो अलख जगाई थी उसको आज भी सिख समुदाय के लोग आगे लेकर चल रहे हैं यह काफी महत्वपूर्ण है और हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए यह सबक होगा की सिख समाज के गुरुओं ने सनातन धर्म की रक्षा के लिए कितने बलिदान दिए हैं इनका कहना है कि इस पर्व को देश ही नहीं विदेशों में भी बड़े धूमधाम से मनाया जाता है

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