भारी बारिश के चलते खतरे की जद में आई मनसा देवी पहाड़ी

भारी बारिश के चलते खतरे की जद में आई मनसा देवी पहाड़ी के निरीक्षण के लिए शासन द्वारा गठित भू वैज्ञानिकों की तीन सदस्यीय टीम हरिद्वार पहुंची। जिले के आला अधिकारियों के साथ वैज्ञानिकों ने मनसा देवी पहाड़ी का भ्रमण कर जगह जगह से दरक रही पहाड़ी का निरीक्षण करा। शुरुआती जांच में यहां के ब्रह्मपुरी, मनसा देवी पैदल मार्ग और हिल बाईपास का बारीकि से निरीक्षण किया. मनसा देवी पहाड़ी चिकनी मिट्टी के पत्थरों से बनी हुई है जो पानी में जल्दी घुलने लगते हैं जिसके चलते हल्की सी बारिश में ही मनसा देवी पहाड़ी से भूस्खलन शुरू हो जाता है हालांकि टीम का कहना है कि मनसा देवी पहाड़ी को फिलहाल कोई खतरा नहीं है क्योंकि मनसा देवी मंदिर ठोस चट्टान पर स्थित है… इस मौके पर टीम ने आला अधिकारियों से भी बात की।अधिकारियों ने टीम को बताया कि इस बार बारिश में मनसा देवी पहाड़ी से भूस्खलन हुआ है यहां के आबादी क्षेत्र खतरे की जद में आ गए हैं वही बनाए जा रहे हैं नए मकानों से भी क्षेत्र में खतरा बढ़ा है। यही नहीं मनसा देवी पहाड़ी के नीचे से गुजर रही रेलवे की दो सुरंगे भी खतरे की जद में है…. अचानक पहाड़ी से गिरा मलबा रेलवे ट्रैक पर आ जाता है… टीम ने इस मौके पर अधिकारियों से विस्तृत जानकारी प्राप्त की। अधिकारियों ने मनसा देवी पैदल मार्ग पर आये पहाड़ी के मलबे को लेकर भी टीम को जानकारी दी। वहीं सबसे महत्वपूर्ण हिल बाईपास मार्ग पर भी इस रास्ते को खासा नुकसान पहुंचा है… यहां तीन स्थानों पर सड़कें पूरी तरह से बह गई हैं… PWD द्वारा हिल बाईपास मार्ग को 8 जगह डेंजर जोन घोषित किया गया है जिसके बारे में भू वैज्ञानिकों की टीम ने पूरी जानकारी ली। पहाड़ी के निरीक्षण के बाद पत्रकारों से बात करते हुए टीम के निदेशक शांतनु सरकार अभी पहाड़ी का केवल प्राथमिक निरीक्षण किया गया है… बारिश थमने के बाद एक बार कई और विशेषज्ञों के साथ सीमा पहुंचकर मिट्टी के सैंपल भी लेगी… जिनका परीक्षण कराने के बाद ही भू वैज्ञानिकों की टीम सरकार को मनसा देवी पहाड़ी को लेकर अपनी पूरी रिपोर्ट सौंपेगी। टीम ने बताया कि इस बार हुई भारी बारिश के बाद ही ऐसी स्थिति बनी है… और निकट भविष्य में अगर पहाड़ी का ट्रीटमेंट नहीं हुआ तो यह आबादी वाले क्षेत्रों के लिए खतरे की घंटी साबित हो सकता है।