हल्द्वानी हिंसा को लेकर स्वामी चिदानंद सरस्वती की अपील,जो हुआ मुझे उसका दुख,सरकारी संपत्ति,कर्मचारियों को नुकसान पहुचाना कानून अपने हाथ मे लेना गलत
उत्तराखंड हल्द्वानी के वनभूलपुरा में हुई हिंसा में अब तक 5 लोगों की जान चली गई है और कई सौ पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। मौके का जायजा लेने और घायलों से मुलाकात करने हल्द्वानी पहुंचे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना पर चिंता व्यक्त की,वहीं परमार्थ निकेतन ऋषिकेश के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज ने कहा हल्द्वानी में जो हुआ मुझे उसका बहुत दुख है। क्योंकि जान किसी की भी जाए नुकसान किसी का भी हो हम सब एक है कहते हैं यह पहला सबक है किताबें खुदा का, की मखलूक सारी है कुनबा खुदा का जब सारी कायनात है सब उसी की है इस ईश्वर की है हम सब एक है तो फिर किसका घर जलाना किसका घर तोड़ना बसों को जलाना सड़कों पर उतरना मुझे लगता है अगर आप खुदा पर विश्वास करते है अगर आप खुदा के बंदे हैं खुदा कभी नहीं चाहेगा कि आग किसी के जान माल का नुकसान करें किसी की इज्जत पर आप उतर आए मुझे लगता है कि अगर कुछ हुआ है अगर किसी चीज को तोड़ा गया है वह कानून के दायरे में तोड़ा गया है क्योंकि वह कोर्ट का आदेश है और वह सबके लिए है आज इधर हुआ है तो कल उधर होगा कहीं भी होगा, होगा कोर्ट के आदेश के अनुसार इसलिए न्याय की अवहेलना न करें संविधान को न्याय को अपने हाथ में ना ले अगर किसी को शिकायत है तो उसके रास्ते खुले हैं उसी के साथ जाए और एक दूसरे को नुकसान न पहुंचाये यही इबादत है कि हम सारे मिलकर अपने देश में अपने प्रदेश में अमन बनाए रखें जिस तरह से सरकारी संपत्ति और सरकारी कर्मचारियों पर हमले किए गए यह बहुत गलत है जब भी आपको जरूरत पड़ती है आप सरकार के पास जाते हैं जब भी आपके संरक्षण की जरूरत पड़ती है तो आप पुलिस के पास जाते हैं अगर आप उनको ही इस तरह से करेंगे तो उनके मन में कैसा भाव आएगा। इसलिए सरकारी संपत्तियों को जलाना यह कुरान की दृष्टि से भी और कानून की दृष्टि से यह दोनों मैं गलत है। किसी की भावनाओं को चोट पहुंचाना किसी को नुकसान पहुंचाना किसी की जान और माल को नुकसान देना यह तो इबादत हो ही नहीं सकती है इसलिए मैं अपने भाइयों से क्योंकि सब हमारे हैं मैं उनसे भी गुजारिश करूंगा कि आप सब शांत हो जाए इस तरह के वातावरण को न पैदा करें और सद्भाव का वातावरण अमनोचैन का वातावरण कायम करें वही इबादत है वही प्रार्थना है और खुदा भी इससे खुश होंगे भगवान भी इससे खुश होंगे मैं सभी से कहना चाहूंगा कानून अपने हाथ में न लें।