समाज की मुख्यधारा से अलग थलग पड़े नेत्रहीनों को खुशी देने का प्रयास कर रहे है।

गिरवरनाथ जनकल्याण धर्मार्थ ट्रस्ट नेत्रहीन एवं निराश्रितों की सेवा के लिए लगातार प्रयासरत,मानव सेवा सबसे बड़ा धर्म- कमल खड़का

समाज की मुख्यधारा से वंचित लोगों के लिए प्रयासरत गिरवरनाथ जनकल्याण धर्मार्थ ट्रस्ट संस्था इन दिनों नेत्रहीन लोगों की सेवा में जुटी हुई है। ट्रस्ट के अध्यक्ष कमल खड़का ने कहा कि गंगा घाटों पर हरिभजन के साथ भीख मांगकर अपना गुजर बसर कर रहे नेत्रहीन लोगों के लिए संस्था की ओर से प्रतिदिन भोजन की व्यवस्था निशुल्क जारी है। ट्रस्ट का उद्देश्य निराश्रितो एवं असहाय लोगों की सेवा करना है। समाज की मुख्यधारा से अलग थलग पड़े नेत्रहीनों को खुशी देने का प्रयास कर रहे है। जिसमे प्रतिदिन नेत्रहीन लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था की जाती है।
संस्था के उपाध्यक्ष सन्नी वर्मा ने कहा कि गिरवरनाथ जनकल्याण धर्मार्थ ट्रस्ट का भाव ही सेवा है। हम सभी को आगे आकर समाज के निराश्रित वर्ग के उत्थान के लिए सामर्थ्य अनुसार प्रयास करना चाहिए। गरीबों की सेवा से ईश्वर भी प्रसन्न होते हैं और मानव सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है। ट्रस्ट के माध्यम से लॉकडाउन के दौरान भी हजारों परिवारों को राशन किट वितरित की गई थी। वर्तमान में भी वंचित वर्ग के उत्थान के लिए समाज सेवा अनवरत रूप से जारी है। ट्रस्ट के सचिव हरमीत वर्मा ने कहा कि देवभूमी की पावन संस्कृति सभी को आकर्षित करती है। श्रद्धालु यात्रियों को समाज सेवा का संदेश भी ट्रस्ट के माध्यम से सम्पूर्ण विश्व में प्रसारित हो रहा है। इस अवसर पर सचिन शर्मा सरदार, नितिन शर्मा, प्रकाश रुवाली, मनोज शर्मा, माधव जोशी, अनुज जोशी, अभयराम, अमन सैनी, राकेश दवान, सत्यकेश राजपूत, शोभित कश्यप, चंद्रशेखर, पवन वर्मा, अरुण सैनी, रामपाल, विक्रम, कृष्णा, मोहित उपस्थित रहें।