

धर्मनगरी आये कावड़िये अपने पीछे छोड़ गए गंदगी और कई टन कूड़ा, शहर को बीमारी से बचाने के लिए युद्ध स्तर पर चलाया जा रहा सफाई अभियान, नगर आयुक्त दयानंद सरस्वती
तीर्थ नगरी हरिद्वार में सम्पन्न हुआ कांवड अपने पीछे टनो कचरा और गंदगी छोड़ गया हैं। बारिश के मौसम में इस कचरे से संक्रामक रोग ना फैलें इसके लिए नगर निगम कचरे को उठाने के लिए दिन रात एक कर युद्धस्तर पर कार्य कर रहा है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार 4 से 16 जुलाई तक चले कांवड मेले में चार करोड़ से ज्यादा कांवड़िए धर्मनगरी हरिद्वार पहुंचे थे। जिनके जाने के बाद नगर आयुक्त दयानंद सरस्वती के निर्देश पर तमाम घाट, पुल, सड़क, मुख्य बाजारों में बड़े बड़े कूड़े के ढेर लग गए, यही नहीं कांवडियों द्वारा गंगा में विसर्जित की गई पुरानी कांवड़ ने भी गंगा को खासा नुकसान पहुंचाया हैं,पुरानी कांवड के ढेर तमाम घाटों और बैराज के गेट में फंसे नजर आ रहे हैं। कांवड मेले में आस्था गंगा की सेहत पर भारी पड़ती दिखी। नगर निगम के अनुसार कांवड मेले के दौरान लगभग 28 हजार टन कूड़ा निकला है। नगर निगम के नगर आयुक्त दयानंद सरस्वती के निर्देश पर कूड़ा हटाने के लिए 6 टीमें लगाई गई हैं जिनमे 1 हजार सफाई कर्मी दिन रात लगकर कार्य कर रहे है। वहीं पूरे मेला क्षेत्र को 13 जोन में बांटा गया है, स्थानीय लोगों और संत महात्माओं का भी कहना है कि इतने कम समय में ही नगर निगम हरिद्वार ने सफाई अभियान बहुत तेजी के साथ किया। साथ ही शहर में बीमारी ना हो उसके लिए जगह-जगह दवाई भी डाली जा रही है। खुद नगर आयुक्त पूरे सफाई अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं। जल्द ही सिंचाई विभाग के साथ मिलकर अभियान चलाया जाएगा और गंगा में फंसी गंदगी,पुरानी कावड़ो को भी बाहर निकाला जाएगा।