महंत मणि महेश गिरी महाराज बने विश्व अखाड़ा परिषद गौरक्षा विभाग के प्रदेश उपाध्यक्ष

महंत मणि महेश गिरी महाराज बने विश्व अखाड़ा परिषद गौरक्षा विभाग के प्रदेश उपाध्यक्ष
सनातन धर्म पर कुठाराघात बर्दाश्त नहीं किया जाएगा-मणि महेश गिरी


हरिद्वार, 18 सितम्बर। भूपतवाला स्थित महाकालेश्वर मंदिर में हुई विश्व अखाड़ा परिषद की बैठक में सनातन धर्म पर किए जा रहे कुठाराघात के खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष करने का निर्णय लिया गया। बैठक के दौरान श्री पंचायती आह्वान अखाड़े की नागा फोर्स के थानापति महंत मणि महेश गिरी को विश्व अखाड़ा परिषद के गौरक्षा विभाग का प्रदेश उपाध्यक्ष तथा इशांत भसीन को हरिद्वार जिलाध्यक्ष मनोनीत किया गया। विश्व अखाड़ा परिषद के अंतर्राष्ट्रीय सचिव महाराज पंडित निपुण भारद्वाज ने महंत मणि महेश गिरी महाराज को प्रदेश उपाध्यक्ष व इशांत भसीन को हरिद्वार जिलाध्यक्ष मनोनीत किए जाने की घोषणा करते हुए दोनों नवनियुक्त पदाधिकारियों का पटका पहनाकर स्वागत किया। नवनियुक्त प्रदेश उपाध्यक्ष महंत मणि महेश गिरी महाराज ने कहा कि सनातन धर्म पर किए जा रहे कुठाराघात को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विश्व अखाड़ा परिषद सनातन धर्म और गौरक्षा के लिए संकल्पबद्ध है। लव जेहाद आदि के माध्यम से विदेशी ताकतों के इशारे पर सनातन धर्म के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड देवभूमि है और देवभूमि में किसी भी प्रकार की जेहाद संस्कृति को पनपने नहीं दिया जाएगा। सनातन धर्म और गौवंश की रक्षा के लिए उत्तराखण्ड सहित पूरे भारत में अभियान चलाया जाएगा। महामंडलेश्वर स्वामी चिन्मयानंद महाराज ने कहा कि संत समाज ने हमेशा ही आगे बढ़कर सनातन धर्म संस्कृति की रक्षा की है। उन्होंने कहा कि आज विभिन्न माध्यमों से सनातन धर्म पर हमला किया जा रहा है। धर्म शास्त्रों की मनमानी व्याख्या की जा रही है। जिसे सहन नहीं किया जाएगा। विश्व अखाड़ा परिषद के नेतृत्व में संत समाज सनातन धर्म की रक्षा के लिए एकजुट होकर संघर्ष करेगा। विश्व अखाड़ा परिषद के अंतर्राष्ट्रीय सचिव महाराज निपुण भारद्वाज ने कहा कि प्रदेश उपाध्यक्ष महंत मणि महेश गिरी महाराज विद्वान संत हैं। उनके नेतृत्व में युवाओं को पाश्चात्य संस्कृति का परित्याग कर सनातन संस्कृति को अपनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि युवा देश का भविष्य हैं। युवा पीढ़ी को नशे जैसी बुराई से बचाने के लिए सरकार को कड़े कदम उठाने चाहिए। इस अवसर पर श्रीमहंत महेश दास गुग्गल बाबा, श्रीमहंत गोपाल गिरी, स्वामी आलोक गिरी, महंत बलराम गिरी, इशांत भसीन, आचार्य कुलदीप बिष्ट, सुमित राजपूत आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।