इस मदरसे में बच्चों को दी जाती है उर्दू के साथ-साथ अन्य पाठ्यक्रमों की तालीम

इस मदरसे में बच्चों को दी जाती है उर्दू के साथ-साथ अन्य पाठ्यक्रमों की तालीम, मदरसा संचालकों ने उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के चैयरमेन शादाब शम्स के बयान का किया स्वागत

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और वक्फ बोर्ड के चैयरमेन शादाब शम्स द्वारा राज्य में वक्फ बोर्ड के अधीन आने वाले सभी मदरसों में संस्कृत की पढ़ाई को लेकर दिए गए बयान का हरिद्वार के ज्वालापुर स्थित मदरसा अरबिया दारुल उलूम रशीदिया ने स्वागत किया है। सालों से चल रहे हैं इस मदरसे में एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम के तहत संस्कृत भी पढ़ाई जाती है। मदरसे में पढ़ने वाले ढाई सौ से ज्यादा बच्चे न केवल उर्दू की तालीम ले रहे हैं बल्कि संस्कृत के व्याकरण भी सीख रहे हैं।

  1. जनपद हरिद्वार की ज्वालापुर में चल रहा मदरसा अरबिया कई मदरसों के लिए मॉडल बन चुका है। मदरसे में न केवल पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को उर्दू की तालीम दी जाती है बल्कि संस्कृत के व्याकरण और उनके अनुवाद भी सिखाए जाते हैं। यहां के बच्चों को संस्कृत के कई श्लोक कंठस्थ हैं। कुरान शरीफ के साथ-साथ मदरसे में चलने वाली कक्षाओं में संस्कृत के व्याकरण को भी सिखाया जाता है। कक्षाओं में बच्चों में संस्कृत को लेकर खासा उत्साह देखा जा रहा है।

मदरसे में बच्चों को न केवल तालीम दी जा रही है बल्कि उनके संस्कारों को भी संवारा जा रहा है बच्चों में साफ सफाई और राष्ट्र सम्मान की भी तालीम दी जा रही है। मदरसे के संचालकों का कहना है कि उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अधीन आने वाले इस मदरसे में एनसीईआरटी के पूरे पाठ्यक्रम की शिक्षा दी जाती है और उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के चैयरमेन शादाब शम्स के मदरसों को लेकर दिए गए बयान से पहले ही यहां बच्चों को सभी तरह की शिक्षा दी जाती है। मदरसे के संचालकों ने राज्य के सभी मदरसों से संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने की अपील की है।

देश भर के तमाम मदरसों में दी जाने वाली तालीम को लेकर समय-समय पर जहां बड़े सवाल खड़े होते रहे हैं वही ऐसे में ज्वालापुर में चल रहा मदरसा अरबिया दारुल उलूम रशीदिया उन तमाम मदरसों के लिए मॉडल बनकर उभरा है जिनपर धार्मिक उन्माद, कट्टरपंथ को बढ़ावा देने के आरोप लगते रहे हैं।

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